माँ कामाख्या वशीकरण तंत्र साधना
मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव द्वारा सती वियोग में किए गए तांडव से सती के अंग का पृथ्वी में गिरने से इस शक्तिपीठ का उद्भव हुआ या माता सती की योनि के रूप में माना जाता है ।यह् अत्यंत सिद्ध पिंड है
कामाख्या वशीकरण-
हर आदमी अपने शत्रुओं को अपने वश में करने के लिए कुछ न कुछ किया करता रहता है वशीकरण करके लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं यह कई तरीके का होता है इसमें कई रुप होते हैं
कामाख्या स्त्री वशीकरण-
हर पुरुष चाहता है कि उसने उसकी पत्नी प्रेमिका उसके वश में हो एवं उसकी इच्छाओं की पूर्ति करें इसके लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर रविवार को दिन से रात तक जाप करें जिससे या मंत्र सिद्ध हो जायेगा और 108 बार मंत्र जप कर इस मंत्र की फूक जिस महिला स्त्री पर डालेंगे वह वश में हो जायेगा
मंत्र-
ॐ नमः कामाख्यः देवी अमुकः मे वशं करी स्वाहः
पति वशीकरण –
हर स्त्री चाहती है कि उसका पति उसके वश में हो और उसकी हर आज्ञा का पालन करें सिर्फ उसी से ही प्रेम करें इसके लिए आपको गोरोचन अपने शरीर का मैल और उसको केले के रस में मिलाकर तिलक करें आपका पति आपके वश में हो जाएगा एवं आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति करेगा ।
कामाख्या मंत्र
ॐ नमोहः महापाक्षिणी पति मे वश्यः कुरु कुरु स्वाहः
आकर्षण के लिये-
अपने को आकर्षक बनाने के लिए भोजपत्र में अपनी अनामिका उंगली के खून से नाम लिख शहद में डाल देना चाहिए जिससे व्यक्ति की आकर्षण शक्ति बढ़ती है और 108 बार मंत्रों का जप करते रहना चाहिए।
मंत्र-
ॐ नमः आदि पुरुषयः अमुक कुरु कुरु स्वाहः
सुपारी द्वारा वशीकरण-
एक सुपारी को लेकर 1000 मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित करना करके जिस व्यक्ति को खिलाया जाता है वह व्यक्ति वशीकरण हो जाता ।
मंत्र-
ॐ नमोहः भगवते वासुदेवायः त्रिलोचनायः त्रिपुरवाहनायः अमुकमः ममः वशयः कुरु कुरु स्वाहः
चनोंठी वशीकरण –
किसी को अपने वश में करना चाहते हैं तो सफेद चनोठी की जड़ लाकर उसे 324 बार मंत्रों से अभिमंत्रित करके जिस व्यक्ति को खिलाया जाता है वह व्यक्ति वश में आ जाता है
मंत्र-
ॐ नमोहः भगवती मातंगेश्वरी सर्व मुखः रंजने सर्वेश्वरी महामायः मातंगी कुमारीकेनन्द नन्द जिह्वे सर्व लोकः वशं करी स्वाहः
पुष्प वशीकरण –
108 मंत्र जप कर मंत्रों द्वारा किसी भी फूल को अभिमंत्रित करके जिस व्यक्ति को खिलाया या उसके सर पर फेंका जाता है वह व्यक्ति वश में आ जाता है
मंत्र
ॐ चामुंडे जयः जयः वशं करी जयः जयः सर्व सत्यः
प्रेम संबंध –
सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर एक लाख बार इस मंत्र को जपने से प्रमुख वशीकरण होता है एवं प्रेम संबंधों में घनिष्ठता आती है
मंत्र
ॐ पति प्रियायः पद्मावती स्वाहः
कामाख्या सिन्दूर प्रयोग –
मां कामाख्या के सिंदूर का प्रयोग जो भी व्यक्ति करता है वह जादू टोना ग्रह कलेश शत्रु समस्या धन समस्या सभी से मुक्ति पा लेता है इसका उपयोग मांगलिक कार्यों में भी किया जाता है कामाख्या मां का सिंदूर अत्यंत प्रभावशाली एवं सिद्ध होता है इसका उपयोग करने वाला व्यक्ति हर स्तर पर अपनी विजय प्राप्त करता है एवं जो स्त्री सिंदूर का उपयोग करती है वह जीवन सुहागिन एवं धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है उसको कभी निराशा का मुख नहीं देखना पड़ता उसकी कोई इच्छा अधूरी नहीं रहती उसकी विजय हर क्षेत्र में होती है
पूजन विधि-
जातक को या किसी व्यक्ति को सिंदूर उपयोग करने से पहले सर्वप्रथम माता के प्रति विश्वास आस्था होनी अनिवार्य है एवं आपका मन शांत होना चाहिए या हर व्यक्ति को लाल वस्त्र धारण कर चांदी की डिब्बी में सिंदूर रख कर 108 बार मंत्रों का सच्चे मन से जप करना चाहिये एवं इस क्रिया को रोजाना स्नान कर स्वच्छ होकर 7 दिनों तक निरंतर करनी चाहिए एवं सातवें दिन सिंदूर को निकाल कर 11 बार मंत्र जप कर इस को अभिमंत्रित कर लेना चाहिए एवं इस अभिमंत्रित सिंदूर को हथेली में लेकर उसमे गंगाजल चंदन मिलाकर तिलक करना चाहिए इस तिलक को जो भी देखेगा वह मोहित हो जाएगा एवं आपके अंदर एक आकर्षण शक्ति उत्पन्न हो जाएगी
मंत्र-
कामाख्यायेहः वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी
त्व देवी जगतः मातः योनिमुद्रे नमोस्तुटेहः
शाबर मंत्र प्रयोग-
यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली होता है इसके द्वारा किसी भी व्यक्ति को स्त्री को अपने वश में किया जा सकता है एवं उससे अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति भी कराई जा सकती है इसका उपयोग किसी को नुकसान या हानि पहुंचाने की दृष्टि से नहीं किया जाना चाहिए ऐसा करने पर यह सफल नहीं होता है एवं स्वयं को ही इसके दुष्परिणाम मिल सकते हैं मां कामाख्या का शाबर मंत्र बहुत शक्तिशाली एवं सिद्धि पूर्ण करने वाला है इसको करने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ नहीं रहता उसकी कोई इच्छा कभी बाकी नहीं रहती।
इस साधना की शुरुआत किसी शनिवार के दिन स्वच्छ होकर स्नान कर आसन लगाकर पर प्रारंभ करनी चाहिए एवं 31 दिन नित्य इन मंत्रों का जप करते रहना चाहिए एवं साधक को वह आसन छोड़कर नहीं जाना चाहिए वहां पर ही सोना चाहिए वहां पर ही खाना चाहिए केवल नित्य क्रियाओं के लिए ही आसन छोड़ सकते हैं इस मंत्र को 1144 बार जप करना होगा एवं मां की विधिपूर्वक पूजा करनी होगी पूजा में लोबान दीप धूप करके मां को शराब का भोग लगाएं एवं फूल अर्पित करें और अपने मन मनोकामना मां के समान रखे एवं मां के चरणों से फूल उठाकर जिस स्त्री को दे देंगे वह सुनते ही आपके बस में आ जाएगी एवं आपकी सभी इच्छाएं पूर्ति करेगी
मंत्र-
कामाख्यः देश कामाख्यः देवी
बसे जहाँ इस्माइलः जोगी
इस्माइलः जोगी ने लगाई फुलवारिहः
फूलः तोडे लोना चमारी,
जे इस फूल को सूँघे वाश
तिस का मनः रहे हमारे पास,
महलः छोडे, घर छोडे, आँगन छोडे,
लोक कुटुम्ब की लाजयः छोडे,
दुआई लेना चमारी की,
धनवन्तरि की दुहाई फिरै,