दीपावली पर वशीकरण तंत्र प्रयोग टोटके
इस संसार में बहुत लोग अपने जीवन में महत्वाकांक्षाएं रखते हैं, उन्हें इस बात के लिए बहुत मन लगा के काम करने की आदत होती है की वे अपने भगवन भजन में, ग्रह-ग्रहस्ती में और सुख चैन के लिए ईश्वर से परोपकार की प्रार्थना कर पाएं। वे चाहते हैं की लोगों से ऊपर उठकर, परिस्थितियों से आगे निकल कर और फल प्राप्ति के मोह से भी बाहर निकल कर वह भगवान से अमन की प्रार्थना कर सकें, पुरुषार्थ प्राप्त कर सकें और एक सफल जीवन व्यतीत कर पाएं। पर कई बार ऐसा होता है की लोगों के पास में इस सब को प्राप्त करने के लिए कुछ ख़ास दिन आते हैं, जब वे काम जतन से करके अधिक फलप्राप्ति की ओर बढ़ पाएंगे। अगर आप ऐसे मुहूर्तों की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो आप पाएंगे की दीपावली के शुभ अवसर से बढ़कर उससे बड़ा कोई और अवसर नहीं है।
आप दीपावली के दिन या फिर रात्रि को अगर तंत्र साधना करते हैं या कोई पूजा-पाठ करते हैं तो फिर आपको उसका फल बढ़-चढ़ कर मिलेगा। अगर आप किसी रोगी को दीपावली के शुभ अवसर पर तंत्र और मन्त्र के प्रयोग से ठीक करना चाहते हैं तो फिर ऐसा करें की –
दीपावली की रात को १२ बजे नहा कर, नीले वस्त्र पहन लें, आसान पर नीले वस्त्र ही रखें और फिर पूरब की ओर मुंह करके बैठ जाएं। इसके बाद में चार मुंह वाली दियाळी लें और उसमें चारों दीयों को जला लें, अब एक गज नीला कपडा, ४० नग, मिटटी की गड़वी एक नग, कुश घास से बना एक आसन, बत्तियां, ११ छोटी इलाइची के दाने, छुहारे, एक नीले कपडे का रुमाल, दियासलाई, लौंग, १ किलो सरसों का तेल, १ शीशी गुलाब के इत्र की, गेरू का टुकड़ा और लड्डू के टुकड़े इक्कठे कर लें।
इस प्रयोग की विधि है – नीले कपडे के चारों कोनो पे लड्डू, लौंग, इलाइची और छुहारे बांध लें। अब मिटटी के बर्तन में पानी भरकर उसमें गुलाब की पँखुड़ियाँ दाल दें। अब हमारे द्वारा बताया हुआ मंत्र उच्चारित करें, जपने से पहले लोहे की सलाई से चारो तरफ एक कटघरा खींच लें। मन्त्र होगा – ओम अनुरागिनी मैथन प्रिये स्वाहा, शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत् यह मन्त्र चालीस दिनों तक रोज़ पढ़ें – यानी सवा लाख बार – ऐसा करने के बाद नदी के बहते पानी में अपनी परछाईं हर रोज़ देखें – चालीस दिन पूरे हो जाने पर आप साड़ी सामग्री – नीले कपडे के साथ – उसी पानी में प्रवाहित कर दें।
अब आप जिसको भी वशीभूत करना छह रहे हैं या फिर जिसको भी रोगी अवस्था से ठीक करना चाह रहे हैं, उसका नाम ले के ११०० बार वही मन्त्र फिर से पढ़ दें तो आपका कार्य निश्चिन्त रूप से सिद्ध हो जायेगा। आप पाएंगे की लोग आपके काम में अड़चन तक नहीं बन पा रहे और आप एक सफल और समृद्ध जीवन की ओर बढ़ पा रहे हैं। अगला प्रयोग श्री यंत्र के द्वारा और क्षत्रु के विनाश के लिए किया जाता है। यह प्रयोग करने में ज़्यादा जटिल तो नहीं है पर इसका असर अत्यंत शीघ्र और प्रबल रूप से होता है। इसको करने से पहले ये पक्का कर लें की आप यह कार्य करना चाहते हैं या नहीं क्यूंकि एक बार आपने यह कार्य शुरू कर दिया तो फिर रुक पाना मुश्किल होता चला जाता है।
इस प्रयोग के लिए बताये हुए यंत्र को लाल स्याही से किसी नगाड़े पर लिख दें और फिर उस नगाड़े को बजाएं तो आपका कार्य संपन्न हो जायेगा और आप सुख चैन की नींद सो पाएंगे।
इसके पश्चात अगला प्रयोग है धन प्राप्ति के लिए और इसमें आप अपने घर में लक्ष्मी के प्रवेश का आवाहन करेंगे! यह साधना अर्ध-रात्रि की है और इसमें आपको २२ दिनों तक हर रात एक पूरी माला का जप करना होगा। मान लीजिये की आप यह कार्य दीपावली पर नहीं कर पा रहे तो फिर रविवार या शनिवार को शुरू करे। मंत्र को अगर दीपावली की रात को २१ बार जप लिया जाये तो वह सिद्ध हो जाता है। आप यह मन्त्र दीपावली को शुरू करें या फिर शनिवार या रविवार को लाल कपडे पहन कर शुरू करें। मंत्र है – ओम नमो पद्मावती पद्मनये लक्ष्मी दायिनी वांछाभूत प्रेत, विंध्यवासिनी सर्व शत्रु संहारिणी दुर्जन मोहिनी ऋद्धि-सिद्धि, वृद्धि कुरू कुरू स्वाहा, ओम क्लीं श्रीं पद्मावत्यैं नमः
यह मंत्र दीपावली नहीं होने पर भी २१ बार जपकर किया जाता है। अगला प्रयोग मंत्र आर्थिक और व्यावसायिक तंगी के लिए किया जाता है और इसमें आप कुछ मन्त्र साधना दीपावली से शुरू करते हैं। ऐसा बहुत लोगो ने सुना है की बुरे समय में आंटा गीला, उसी के अनुसार, जब भी आप पाएं की आप आर्थिक समस्या में हैं तो ऐसा बहुत बार होता है की और भी तरह तंगियां परेशान करती हैं, ऐसे में करें ये की बताये हुए मंत्र से फांसी हुई परिस्थिति से बाहर निकालें।
आपको बस हमारे द्वारा बताये हुए मंत्र को ३१ बार जपना होगा, ३१ माला जपने पर आप पाएंगे की आपके काम में वृद्धि आ गयी है, आपका धंधा आगे निकल रहा है और पहले के मुकाबले मंडी धीरे-धीरे काम होती जा रही है। आप पाएंगे की संपन्न और समृद्धि का समय वापस आपके घर लौट आया है और आप एक सुखद जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं।
दीपावली पर महामवस्या हो जाती है, और उस रात से चन्द्रमा पूरी तरह से बलहीन हो जाता है। इस दिन से अभिचार अपनी चरम सीमा पे आ जाते हैं, इसीलिए इस रात्रि से सारे प्रयोगों की शुरुआत की जाती है। इस तरह हमने आपके समक्ष आज बहुत से ऐसे प्रयोग रखे जिनसे आप दीपावली की रात्रि से मन्त्रों और यंत्रों तथा तंत्र साधनाओं से अच्छा फायदा उठा सकते हैं। पर ऐसा होना बहुत पॉसिबल है की आप अभी भी शंका में हों या फिर किसी बात पर कंफ्यूज हों की प्रयोग में कुछ कार्य कैसे करना है तो फिर ऐसा करें की आप किसी अच्छे तांत्रिक के पास जाएं और उनसे किसी अच्छे मन्त्र में दीक्षा लें, अगर कोई और बात हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी से मिलें और उसके साथ में मशौरा करें और अपने दिक्कत बताएं। वे आपकी परेशानी दूर कारने में निपुण होंगे।